आप कुछ चाहते हैं , आपके चाहने वाले कुछ और चाहते हैं
फर्क सिर्फ इतना है दो दिल अलग अलग होते हैं
हर दिल के सोचने का तरीका अलग होता है
कोई कुछ और कहता आप कुछ और कहते
कभी कभी इसी चक्कर में टक्कर भी हो जाती है
कुछ बर्बाद हो जाते तो कुछ आबाद
इस हालत में तो कभी आप खो जाते हैं तो कभी आपको कोई खो देता
बाद के हालत पर कोई गौर नही करता
यदि करता तो कभी ऐसे हालत ही नही बनते
हर साम को सुबह का इंतजार होता है
कोई कभी इस डूबता सूरज से नही सीखता
सभी उगते सूरज से ही आशा रखते है
सबको पता है कुछ ही घंटो के बाद यह डूब जायेगा
हर हालात में इन्तजार बड़ी कामयाबी का द्योतक होता है
हर समय भी हर आदमी का नही होता
जैसे घड़ी की सुई अपना जगह बदलती है
उसी तरह समय भी आदमी को बदल देता है
जिसने समय को अपना दामन बनाया
उसी ने अपना मुकद्दर बनाया
अजय कुमार झा
प्रभात खबर
देवघर